"जब एक सैनिक शहीद होता है - परिवार पर क्या गुजरती है?"

 

जब एक सैनिक शहीद होता है – घर पर टूट जाता है एक संसार



शहीद आर्मी का फोटो

परिचय

हर देश की सुरक्षा के पीछे एक मजबूत दीवार होती है – हमारी सेना। ये वे लोग हैं जो दिन-रात अपनी जान की परवाह किए बिना देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं। लेकिन जब कोई सैनिक शहीद होता है, तो सिर्फ एक जवान नहीं जाता, उसके साथ एक पूरा परिवार टूट जाता है।

शहीद होना सिर्फ एक शब्द नहीं है

जब हम कहते हैं कि “एक सैनिक शहीद हो गया”, तो ये सुनने में एक वीरगाथा लगती है। लेकिन इसका अर्थ बहुत गहरा और पीड़ादायक होता है। यह बलिदान उस माँ, पत्नी और बच्चों के लिए जीवनभर का दर्द बन जाता है।

घर की वो पहली ख़बर…

जब आर्मी से कोई अधिकारी घर आता है या फोन बजता है, तो परिवार का दिल थम जाता है। सब दुआ करते हैं कि यह खबर झूठी हो, लेकिन जब सच्चाई सामने आती है, तब पूरा घर जैसे जम जाता है।

गर्व और ग़म साथ चलते हैं

हर शहीद के परिवार को देश पर गर्व होता है, लेकिन उस गर्व के पीछे गहरा ग़म छिपा होता है। आँखें नम होती हैं, दिल टूट चुका होता है, लेकिन चेहरे पर गर्व की एक मुस्कान भी होती है।

गाँव या शहर की शान बन जाता है वो नाम

जब शहीद का शव तिरंगे में लिपटा घर आता है, तो पूरा गांव इकट्ठा हो जाता है। लोग नारे लगाते हैं, फूल बरसाते हैं। वह नाम अमर हो जाता है, लेकिन उसका परिवार सन्नाटे में डूब जाता है।

सरकार की मदद – काफी नहीं होती

सरकार आर्थिक सहायता देती है, नौकरी का वादा करती है, लेकिन क्या वो उस इंसान की जगह ले सकती है? कभी नहीं। शहीद की कमी को कोई नहीं भर सकता।

हमारी ज़िम्मेदारी

हमें सिर्फ तिरंगे को सलाम नहीं करना चाहिए, बल्कि शहीदों के परिवार के लिए भी कुछ करना चाहिए। सम्मान, सहायता और सहानुभूति देना हमारा कर्तव्य है।

निष्कर्ष

एक सैनिक जब शहीद होता है, तो वो देश के लिए अमर हो जाता है। लेकिन उसके पीछे उसका परिवार तिल-तिल कर जीता है। हमें सिर्फ उनकी शहादत का सम्मान नहीं, उनके परिवार का साथ भी देना चाहिए।

वो तिरंगे में लिपटा आता है,
हर आंख भर आती है।
देश कहता है – "जय हिंद",
पर माँ की सिसकी सुनाई नहीं देती…

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